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उपायुक्त कार्यालय के बाहर पुलिस और कर्मचारियों में टकराव

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Sat, 19 Feb 2022 02:05 AM IST
Clash between police and employees outside Deputy Commissioner's office
अंबाला शहर स्थित उपायुक्त कार्यालय के सामने गेट खोलने का प्रयास करते हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ ? - फोटो : Ambala

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कहीं भी, कभी भी।

अंबाला सिटी। उपायुक्त कार्यालय के सामने बैठकर धरना देने की जिद के चलते कर्मचारियों और पुलिस के बीच तनातनी और टकराव की स्थिति पैदा हो गई। प्रदर्शनकारियों की जिद थी कि वे डीसी ऑफिस के सामने बने पार्क की बजाय डीसी ऑफिस के सामने बैठकर ही धरना देंगे मगर पुलिस ने उनके इस इरादे को भांपते हुए पहले ही डीसी ऑफिस के पार्क के गेट को बंद कर दिया।

देखते ही देखते प्रदर्शनकारी पार्क से उठकर इस गेट पर पहुंचे और इसे खोलने का प्रयास किया। गेट खोलने को लेकर काफी देर तक जोर आजमाइश चलती रही। काफी काफी देर हुई जोर आजमाइश के बावजूद कर्मचारी इस गेट को खोलने में विफल रहे। इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए, इस बीच पुलिस और कर्मचारियों के बीच जमकर बहस हुई। यहां तक कि कर्मचारियों ने सरकार समेत पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की और सरकार द्वारा कर्मचारियों पर अपनाए जा रहे दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध जताया।

वीरवार को अंबाला प्रदर्शन करने पहुंच रही आशा वर्कर्स को गिरफ्तार कर वापस छोड़ने के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। जहां पहले संघ नेताओं ने अपने विचार रखे और फिर उपायुक्त से मिलने के लिए पार्क से जैसे ही उपायुक्त से मिलने जाने लगे तो पुलिस ने पार्क का गेट बंद कर दिया और कर्मचारियों को उपायुक्त कार्यालय तक नहीं जाने दिया।
पुलिस द्वारा गेट न खोलने की बात को लेकर ही कर्मचारियों और पुलिस के बीच काफी देर तक बहस चली। जहां कर्मचारी पुलिस कर्मचारियों से गेट खोलने को कहते रहे मगर पुलिस ने भी कर्मचारियों को गेट नहीं खोलने दिया। इससे खफा होकर ही कर्मचारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
यह बोले हरियाणा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए हरियाणा कर्मचारी संघ (एसकेएस) महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि आशा वर्कर्स से बात करने की बजाय सरकार दमन पर उतर आई है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसको लेकर गृह मंत्री ने शांतिपूर्वक आंदोलन कर रही महिला वर्कर्स पर पहले गैर कानूनी रूप से एस्मा लगाया गया और फिर उन्हें अंबाला आने से रोकने के लिए पुलिस के 22 नाके, 1400 पुलिस कर्मचारी, 500 होमगार्ड के जवान, 11 डीएसपी, 35 इंस्पेक्टर व 30 ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए। अंबाला कैंट बस स्टैंड को पुलिस छावनी में बदल दिया गया। मंत्री के निवास पर पहुंच रही वर्कर्स को पुलिस गिरफ्तार कर अंबाला से बाहर छोड़ती रही। इसके लिए बाकायदा रोडवेज की 42 बसों को लगा रखा था, जिस पर रोडवेज को 3 लाख रुपए से ज्यादा का घाटा हुआ है।
जिला वरिष्ठ उप्रधान राम गोपाल व जिला साचिव महावीर पाई ने कहा कि सरकार इतनी डरी हुई है कि आशा वर्कर्स की जिला समन्वयक कविता को बराड़ा पुलिस ने घर से गिरफ्तार कर लिया। इसी प्रकार सीटू के जिला साचिव कामरेड रमेश नन्हेड़ा को नारायणगढ़ पुलिस ने सांय तक बंदी बनाकर रखा। प्रदर्शन रिटायर्ड कर्मचारी संघ के राज्य नेता करनैल सिंह, धर्मबीर, किशन लाल सागर के अलावा रविंद्र शर्मा सेवा राम, राजपाल संजीव बिढलान, पवन पूजा, सरबजीत, रवि चौहान, शिव गौड़ा, बिरपाल, रणजीत सिंह आदि ने भी विचार रखे।
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