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कर्नाटक हिजाब बैन विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दी गई थी याचिका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संजीव कुमार झा Updated Wed, 19 Oct 2022 03:10 PM IST
सार

कर्नाटक सरकार की तरफ से जहां एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने दलीलें पेश कीं वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने अपनी दलीलें पेश कीं।

Supreme Court Case Hearing Today on Karnataka Hijab Ban Controversy News in Hindi, Salman Khurshid
SRHU - फोटो : SRHU

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कर्नाटक में हिजाब बैन के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की तरफ से जहां एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने दलीलें पेश कीं वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने दलीलें पेश कीं। बता दें कि हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच सुन रही थी। 


क्या है हिजाब विवाद?
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर देश के कई हिस्सों में काफी प्रदर्शन हुए थे। इसी दौरान आठ फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने लड़कों ने जयश्री राम के नारे लगाए। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। जय श्री राम के नारे लगाती भीड़ के सामने 19 साल की मुस्कान खान ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे। इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।


क्या था कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला?
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने  छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है।  कोर्ट ने कहा था कि स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बड़ा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 
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