सौ से ज्यादा वर्षों का लंबा इंतजार खत्म हुआ। कनाडा से काशी लाई गई माता अन्नपूर्णा की मूर्ति सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम में प्रतिष्ठित हो गईं। सोमवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक विधान से माता की मूर्ति की पूजा कर स्थापना का विधान पूर्ण किया। यह वही प्रतिमा है जो कनाडा में एक म्यूजियम में रखी हुई मिली थी।
माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापना से पहले चांदी का मुकुट, सोने की हार और कंगन अर्पित किया गया। काशी में माता अन्नपूर्णा को पहला भेंट माना जा रहा है। इसके बाद मूर्ति स्थापना के दौरान भी लोगों ने माता को भेंट देकर स्वागत किया गया।
अन्न-धन की देवी की प्राचीन मूर्ति की वापसी पर सोमवार को वाराणसी के गुरुधाम चौराहे पर अग्रवाल महासभा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पुष्पवर्षा करके माता का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद संस्था के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने मां अन्नपूर्णा को सोने का मुकुट, हार और कंगन चढ़ाकर श्रृंगार किया। इसके बाद परिवार सहित सविधि पूजन किया। दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा देवी मंदिर से निकली शोभायात्रा के रास्ते में लोगों ने पुष्प वर्षा करके स्वागत किया।
माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापना से पहले चांदी का मुकुट, सोने की हार और कंगन अर्पित किया गया। काशी में माता अन्नपूर्णा को पहला भेंट माना जा रहा है। इसके बाद मूर्ति स्थापना के दौरान भी लोगों ने माता को भेंट देकर स्वागत किया गया।
अन्न-धन की देवी की प्राचीन मूर्ति की वापसी पर सोमवार को वाराणसी के गुरुधाम चौराहे पर अग्रवाल महासभा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पुष्पवर्षा करके माता का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद संस्था के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने मां अन्नपूर्णा को सोने का मुकुट, हार और कंगन चढ़ाकर श्रृंगार किया। इसके बाद परिवार सहित सविधि पूजन किया। दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा देवी मंदिर से निकली शोभायात्रा के रास्ते में लोगों ने पुष्प वर्षा करके स्वागत किया।