108 साल बाद कनाडा से शिव की नगरी काशी पहुंची मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का बेमिसाल अंदाज में स्वागत किया गया। माता के आगमन की खुशियों का उल्लास कण-कण में बिखरा है। काशी विश्वनाथ मंदिर में ईशान कोण पर अन्नपूर्णा माता की ये मूर्ति स्थापित की iगई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की। इसके लिए काशी विश्वनाथ धाम को भव्य रूप से सजाया गया है।
अन्न-धन की देवी मां अन्नपूर्णा 108 साल बाद फिर से बाबा विश्वनाथ के आंगन में विराजीं। काशी की पहचान से जुड़ी अन्नपूर्णा माता की 18वीं सदी की इस दुर्लभ मूर्ति की आज प्राण प्रतिष्ठा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा ज्ञानवापी द्वार से बाबा विश्वनाथ की रजत पालकी में विराजमान होकर काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश की।
माता की प्रतिमा जब वाराणसी पहुंची तो उत्साह से लवेरज हजारों की संख्या में लोगों ने पुष्पवर्षा कर मां की आरती उतारी। हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। सोमवार सुबह दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा माता के मंदिर से विश्वनाथ मंदिर तक के लिए शोभायात्रा निकाली गई। माता के नगर भ्रमण के दौरान रास्ते में डमरू, शंख, घंटा और घड़ियाल के पुष्प वर्षा हुई।।
अन्न-धन की देवी मां अन्नपूर्णा 108 साल बाद फिर से बाबा विश्वनाथ के आंगन में विराजीं। काशी की पहचान से जुड़ी अन्नपूर्णा माता की 18वीं सदी की इस दुर्लभ मूर्ति की आज प्राण प्रतिष्ठा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा ज्ञानवापी द्वार से बाबा विश्वनाथ की रजत पालकी में विराजमान होकर काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश की।
माता की प्रतिमा जब वाराणसी पहुंची तो उत्साह से लवेरज हजारों की संख्या में लोगों ने पुष्पवर्षा कर मां की आरती उतारी। हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। सोमवार सुबह दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा माता के मंदिर से विश्वनाथ मंदिर तक के लिए शोभायात्रा निकाली गई। माता के नगर भ्रमण के दौरान रास्ते में डमरू, शंख, घंटा और घड़ियाल के पुष्प वर्षा हुई।।