संशोधित पे बैंड आठ की बजाय दो साल में देने की मांग पर अड़े साल 2015 के कांस्टेबलों और सरकार के बीच बात बिगड़ती जा रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद भी अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के साथ पुलिस कर्मियों की बैठक न होने के बाद पुलिस कांस्टेबलों ने अपना अभियान तेज कर दिया है। कर्मचारियों ने जहां एक ओर मेस बहिष्कार जारी रखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। साथ ही ई-मेल जारी कर एलान किया है कि बिलासपुर में होने वाले कार्यक्रम में उनके परिजन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने विरोधी रैली निकलेंगे।
वहीं, कर्मियों के सोशल मीडिया पर मुखर होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे डाली है। कहा है कि अगर पुलिस कर्मी अनुशासनहीनता करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने डीजीपी संजय कुंडू को भी निर्देश दिए हैं कि मेस बहिष्कार और सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मियों की बयानबाजी न होना सुनिश्चित करें। उधर, पुलिस मुख्यालय ने मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के बाद अपने फेसबुक पेज के जरिये पुलिस कर्मियों से अनुरोध किया है कि वह वेतन विसंगतियों के संबंध में लिखित ज्ञापन पुलिस मुख्यालय के माध्यम से राज्य सरकार को भेजें और सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से बचें। साथ ही उन्हें अनुशासन बनाए रखने के लिए भी कहा गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि पुलिस कर्मियों ने जिन सेवा शर्तों को मानकर नौकरी ज्वाइन की उनके अनुसार ही उन्हें वेतन मिल रहा है। कोर्ट ने भी इसी आधार पर उनकी याचिका खारिज कर दी थी। फिर भी सरकार उनकी मांग पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए विचार कर रही है। सीएम के इसी बयान के बाद सिपाहियों में भारी नाराजगी है। सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर सवाल उठाते हुए पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब आठ साल के अनुबंध काल वाले कर्मचारियों का सेवाकाल सरकार घटाते हुए अब दो साल तक ला सकती है तो पुलिस के कांस्टेबलों को संशोधित पे बैंड देने के मामले में भी सरकार फैसला क्यों नहीं लेती। उनका कहना है कि सीएम का यह बयान ही पुलिस कर्मियों के प्रति सौतेला व्यवहार दर्शाता है।
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संशोधित पे बैंड आठ की बजाय दो साल में देने की मांग पर अड़े साल 2015 के कांस्टेबलों और सरकार के बीच बात बिगड़ती जा रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद भी अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के साथ पुलिस कर्मियों की बैठक न होने के बाद पुलिस कांस्टेबलों ने अपना अभियान तेज कर दिया है। कर्मचारियों ने जहां एक ओर मेस बहिष्कार जारी रखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। साथ ही ई-मेल जारी कर एलान किया है कि बिलासपुर में होने वाले कार्यक्रम में उनके परिजन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने विरोधी रैली निकलेंगे।
वहीं, कर्मियों के सोशल मीडिया पर मुखर होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे डाली है। कहा है कि अगर पुलिस कर्मी अनुशासनहीनता करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने डीजीपी संजय कुंडू को भी निर्देश दिए हैं कि मेस बहिष्कार और सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मियों की बयानबाजी न होना सुनिश्चित करें। उधर, पुलिस मुख्यालय ने मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के बाद अपने फेसबुक पेज के जरिये पुलिस कर्मियों से अनुरोध किया है कि वह वेतन विसंगतियों के संबंध में लिखित ज्ञापन पुलिस मुख्यालय के माध्यम से राज्य सरकार को भेजें और सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से बचें। साथ ही उन्हें अनुशासन बनाए रखने के लिए भी कहा गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि पुलिस कर्मियों ने जिन सेवा शर्तों को मानकर नौकरी ज्वाइन की उनके अनुसार ही उन्हें वेतन मिल रहा है। कोर्ट ने भी इसी आधार पर उनकी याचिका खारिज कर दी थी। फिर भी सरकार उनकी मांग पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए विचार कर रही है। सीएम के इसी बयान के बाद सिपाहियों में भारी नाराजगी है। सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर सवाल उठाते हुए पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब आठ साल के अनुबंध काल वाले कर्मचारियों का सेवाकाल सरकार घटाते हुए अब दो साल तक ला सकती है तो पुलिस के कांस्टेबलों को संशोधित पे बैंड देने के मामले में भी सरकार फैसला क्यों नहीं लेती। उनका कहना है कि सीएम का यह बयान ही पुलिस कर्मियों के प्रति सौतेला व्यवहार दर्शाता है।