अंबेडकरनगर। जो जिला अस्पताल पूरे जिले के मरीजों की उम्मीदों का बड़ा केंद्र है, वहां खून का संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में यदि कोई गंभीर रूप से जख्मी है या फिर बीमारी के चलते ब्लड की जरूरत है और इसके लिए जिला अस्पताल जा रहे हैं, तो पहले सोच समझ लें। जिला अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक में मात्र चार यूनिट ब्लड ही मौजूदा समय में है। 150 यूनिट क्षमता वाले ब्लड बैंक में ब्लड ग्रुप ए व बी पॉजिटिव एक-एक यूनिट तथा ओ पॉजिटिव दो यूनिट ही खून उपलब्ध है। अब ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि किसी को तत्काल ब्लड की जरूरत हो, तो वह किस प्रकार से ब्लड बैंक उन्हें खून उपलब्ध करा सकेगा।
किसी हादसे का शिकार होकर या फिर गंभीर बीमारी के बीच जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को आसानी के साथ ब्लड उपलब्ध हो जाए, इसके लिए जिला अस्पताल परिसर में 150 यूनिट क्षमता की ब्लड बैंक की स्थापना की गई है। ब्लड बैंक की स्थापना तो कर दी गई, लेकिन सभी ब्लड ग्रुप की समुचित उपलब्धता हो सके, इसे लेकर जरूरी माहौल नहीं बन पा रहा है। इसी का नतीजा रहा कि कई बार मरीजों व उनके तीमारदारों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।
ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता को लेकर हालात कितने खराब हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में जिला अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक में मात्र चार यूनिट ब्लड ही मौजूद है। एक दिन पहले बृहस्पतिवार की शाम तक सिर्फ 6 यूनिट ही ब्लड था, लेकिन शाम के बाद मात्र चार यूनिट ब्लड ही शेष रह गया।
जल्द लगवाए जाएंगे शिविर
फिलहाल चार यूनिट खून यहां उपलब्ध है। इससे पहले ज्यादा यूनिट खून था। जिन्हें संबंधित ग्रुप के खून की जरूरत होती है। उनके द्वारा कोई भी एक डोनर देने पर उसके बदले रक्त दे दिया जाता है। कोशिश की जा रही है कि जल्द ही कुछ संगठनों के माध्यम से रक्तदान शिविर लगवाए जाएंगे। इससे खून की कमी दूर हो जाएगी।
- एएम त्रिपाठी, ब्लड बैंक प्रभारी